
सिद्धांत सार :
विश्व के पाँचवें मूल जगद्गुरु एवं काशी विद्वत परिषत् द्वारा जगद्गुरूत्तम की उपाधि से विभूषित श्री कृपालु जी महाराज को 'सनातनवैदिकधर्मप्रतिष्ठापन सत्सम्प्रदाय परमाचार्य' की उपाधि से भी अलंकृत किया गया है। इस दृष्टि से श्री महाराज जी के श्रीमुख से निकले दिव्य श्रीवचन ही वास्तविक सनातन वैदिक धर्म के उद्घोषक हैं। श्री महाराज जी ने हम कलियुगी जीवों के कल्याणार्थ समस्त वेद शास्त्रों का सार अपने दिव्य प्रवचनों में अत्यंत सरल एवं रोचक शैली में प्रस्तुत किया है।
यह वीडियो दिनांक 'श्री गुरुपूर्णिमा (2008)' के अवसर पर श्री महाराज जी द्वारा रँगीली महल, बरसाना धाम में दिये गये एक विशेष प्रवचन का अंश है।
श्री महाराज जी के श्रीमुख से—
"इन्द्रियों से सब संसार के ऐश्वर्य का उपभोग करे, राजा बनकर किया ध्रुव, प्रह्लाद, अम्बरीष
तमाम महापुरुषों ने, लेकिन मन भगवान में था।
बेटा-बेटी सब थे।
प्रह्लाद का एक इतिहास है
आप लोगों ने सुना होगा, भागवत में लिखा है।
एक लड़की थी, केशिनी।
उसमें प्रह्लाद के लड़के आसक्त हो गये, विरोचन।
और, प्रह्लाद के गुरु के लड़के भी उसी में आसक्त हुये। तो दोनों में होड़ हो गई।
प्रह्लाद का लड़का कहे,
"मैं राजकुमार हूँ, मेरी सीट बड़ी है।"
और गुरु पुत्र कहे,
"तुम राक्षस के लड़के हो, तुम्हारा खानदान निंदनीय है। इसलिये मैं बड़ा हूँ।"
दोनों में होड़ हो गई, प्राण की बाजी लग गई।
"अगर मेरी बात सही हो तो तुम्हारा प्राण हमारे हाथ।
और अगर तुम्हारी बात सही निकले तो हमारा प्राण तुम्हारे हाथ।"
लेकिन फैसला कौन करे?
तो गुरु पुत्र ने कहा,
"तुम्हारे पिता, प्रह्लाद फैसला करेंगे।"
उनने कहा,
"प्रह्लाद अगर हमारे हमारे पक्ष में करेंगे तो तुम कह दोगे वो तो तुम्हारे पिताजी हैं।"
"नहीं-नहीं! हमारे पिताजी ने बताया है कि प्रह्लाद महापुरुष है, वो किसी का पक्ष नहीं लेगा।"
मुकद्दमा दायर हुआ।
प्रह्लाद ने फैसला किया कि गुरु पुत्र बड़ा है।
मेरा पुत्र हार गया। चढ़ा दो फाँसी पर, ऑर्डर।
फाँसी पर लटकाये गये विरोचन,
तो गुरु पुत्र ने कहा,
"ये बताओ प्रह्लाद! कि हम बड़े कि तुम?"
तो प्रह्लाद ने कहा, "आप बड़े हैं, गुरु पुत्र हैं।" "अच्छा-अच्छा, तो तुमको हमारी आज्ञा माननी पड़ेगी।'
हाँ, बिल्कुल।
"छोड़ दो अपने बेटे को।"
"छोड़ दो, भई!" छोड़ दो भई, ऑर्डर हो गया।
तो 'फाँसी पर चढा दो' जिस मुस्कुराते ढंग से कहा,
उसी प्रकार 'छोड़ दो', ये भी उसी मुस्कुराते ढंग से कहा। कोई अंतर नहीं।
धक्क होता है न जैसे आप लोगों को,
कोई छोटी-सी बात भी हो जाये
अपने बेटे, बाप, माँ, बीवी किसी के लिये,
तो धक्क होता है। ऐसा नहीं।
तो विषयों को ग्रहण करते हुये भी और मन भगवान में रहे, वो भागवतों में श्रेष्ठ है।"
—जगद्गुरूत्तम श्री कृपालु जी महाराज
---------------------------------
Facebook : https://www.facebook.com/shyamashyamsamiti
Instagram : https://www.instagram.com/sushreeakhileshwarididi/
Twitter : https://twitter.com/sss_zirakpur
Telegram : https://t.me/sss_zirakpur
#Kripalu #RadheRadhe
#जगद्गुरु_श्री_कृपालु_जी_महाराज
#Jagadguru_Shri_Kripalu_Ji_Maharaj
#Jagadguru_Kripalu
#Radha #Krishna #Vrindavan #barsana #Prem_mandir #Bhakti #Hindu #Gita #Bhagawat #Ramayan #Ved #Philosophy #Spiritual #Bliss #God #Beauty #Guru #SpiritualMaster #Divine #BhagavatKatha #JagadguruShriKripalujiMaharaj
#religion
#Bhajan
#bhajan_video
#AkhileshwariDidi
#karvachauth #festival
#devotion
#ved #veda #scripture #guru
#bhakt
0 Comments